Monday 7 May 2012

स्वप्न मेरे................: सजीव कविता ...

बहुत सीधे-सादे रूप में जीवन का सार—बस ’इस पल का मोती मेरा है—ना भूत ना भविष्य,यही पल जीवन की सच्ची कविता है.

5 comments:

  1. 'यही पल जीवन की सच्ची कविता है.'
    सूत्रवाक्य सा सार!

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  2. जो भी है, बस यही एक पल है...

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  3. है तो सच ......
    शुभकामनायें !

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  4. जीवन का सत्य तो इसी में है ... और ऐसे ही जीने की कोशिश में जगा रहता हूँ ...
    शुक्रिया इस प्रोत्साहन के लिए ...

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